गुरुग्राम – पैरोल जंप कर फरार चल रहे चर्चित किडनी कांड के मुख्य आरोपी अमित राउत को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी स्वास्थ्य संबंधी कारणों के चलते कोर्ट से पैरोल प्राप्त कर बाहर आया था।
प्रभारी निरीक्षक विनोद गुसांई ने बताया, निर्धारित समयावधि में जिला जेल में आत्मसमर्पण न कर आरोपी फरार हो गया था। चर्चित किडनी कांड के मुख्य आरोपी अमित राउत निवासी डीएलएफ गुरुग्राम हरियाणा को स्वास्थ्य कारणों से छह जून को चार सप्ताह के लिए पैरोल पर छोड़ा गया था।
लेकिन, आरोपी पैरोल जंप कर न्यायालय के निर्देशों की अवहेलना कर निर्धारित समयावधि के बाद जिला जेल देहरादून में आत्मसमर्पण नहीं किया। इसके बाद कोर्ट ने गिरफ्तारी के लिए गैर जमानती वारंट जारी किए थे। आरोपी गिरफ्तारी से बचने के लिए फरार चल रहा था।
आरोपी द्वारा न्यायालय में जो पता दिया गया था, वह गलत निकला। जानकारी पर पता चला कि इस पते पर आरोपी दो साल से नहीं रह रहा था। पुलिस ने टीम गठित कर आरोपी को पकड़ने के लिए प्रयास शुरू कर दिए। पुलिस टीम ने देर रात आरोपी को देहरादून से गिरफ्तार कर लिया।
लालतप्पड़ के गंगोत्री अस्पताल में इस गैंग ने 40 से ज्यादा लोगों की किडनी निकाली थी। ज्यादातर लोग कोलकाता से यहां लाए जाते थे। इसके लिए इस गैंग के एजेंट देशभर में फैले हुए थे। कोलकाता से गिरफ्तार मुख्य एजेंट चांदना गुड़िया नाम की महिला ने इस मामले से जुड़े कई खुुलासे किए थे।
अमित राउत इस गैंग का सरगना है। उसके बेटे अक्षय राउत ने 2001 में केएनआर यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंस से एमबीबीएस की डिग्री हासिल की थी। अमित राउत आयुर्वेदिक डॉक्टर है जबकि अक्षय की मां होम्योपैथी डॉक्टर है। अक्षय का पिता अमित राउत किडनी ट्रांसप्लांट के अवैध धंधे में लंबे समय से लगा हुआ था। वर्ष 2012 तक अक्षय मुंबई के एक अस्पताल में प्रैक्टिस करता था। इसके बाद वह अपने पिता के साथ इस गोरखधंधे में जुड़ गया। अमित अपने गैंगे के साथ वर्ष 2017 में देहरादून के लालतप्पड़ में आ गया था। यहां उन्होंने 40 से ज्यादा लोगों की किडनी निकाली थी। किडनी जिससे ली जाती थी उसे चंद हजार रुपये पकड़ा दिए जाते थे। इसके बाद यह लाखों करोड़ों रुपये में अलग-अलग लोगों को बेची जाती थी। किडनी ट्रांसप्लांट का काम भी इस गैंग के डॉक्टर करते थे। इनमें अक्षय राउत एक्सपर्ट माना जाता था।