पूर्व मुख्यमंत्री व हरिद्वार सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रकृति, पर्यावरण और मां गंगा की रक्षा के लिए लोकसभा के पटल पर अपनी आवाज बुलंद की। उन्होंने हरिद्वार के किसानों की समस्याओं को लोकसभा के सदन में उठाकर एक जिम्मेदार जनप्रतिनिधि के कर्तव्य का निर्वहन किया। वही आपदा प्रबंधन विधेयक में संशोधन के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की प्रशंसा की। केदारनाथ आपदा के बाद उनको पुर्ननिर्माण के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अथक प्रयासों और कार्यो की सराहना की।
आपदा प्रबंधन संशोधक विधेयक 2024 लोकसभा के सदन में पेश किया गया। हरिद्वार सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सदन में अपना पक्ष रखते हुए कहा कि संसोधन विधेयक उत्तराखंड सहित आपदा ग्रस्त क्षेत्रों में कारगर साबित होगा। आपदा से पहले किए जाने आवश्यक प्रबंधन करने में सफलता मिलेगी। उन्होंने कहा कि शहरी आपदा प्रबंधन प्राधिकरण शहरी क्षेत्रों व राजधानी में यूडीएमए स्थापित करने का प्रस्ताव करता है। यह नई अवधारणा है। निश्चित रूप से आपदा का प्रबंधन करने में मदद मिलेगी।
समूचे देश में इसका लाभ मिलेगा। विशेष रूप से पर्वतीय क्षेत्र उत्तराखंड, हिमाचल या फिर जम्मू कश्मीर को इस विधेयक से मदद मिलेगी। त्रिवेंद्र सिंह रावत ने जलवायु परिवर्तन और जोखिमों के आंकलन विधेयक पर कहा कि ईको सिस्टम में परिवर्तन आ रहा है। मौसम में भारी बदलाव देखने को मिलेगा। समय पूर्व आंकलन करने में मदद मिलेगी। एआई के सहयोग से अकस्मात आपदा में सहयोग मिलेगा। जान माल का खतरा कम होगा।
उन्होंने कहा कि आपदा के कारण नौनिहाल,महिलाओं, गर्भवती महिलाओं व पढ़ने वाले बच्चों का जीवन प्रभावित होता है। आपदा के समय विस्थापन अनिवार्य हो जाता है। विस्थापन करने के दौरान शिक्षा, स्वास्थ्य और देखभाल प्रभावित होती है। गत दस सालों में तीन करोड़ 70 लाख बच्चे प्रभावित हुए है। बच्चों का मानसिक व शारीरिक विकास प्रभावित हुआ है। परिवारों का आर्थिक स्वरूप बदला है। एक्ट में बदलाव होने से नौनिहालों के जीवन में सुधार होगा। भारत सुदृढ़ होगा। वन संपदा, वन्य जीव को भारी क्षति होती है। उनकी भी सुरक्षा हो पायेगी।
सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उत्तराखंड के गढ़वाल और कुमाऊ मंडलों के सीमा पर क्वारी गांव का जिक्र करते हुए कहा कि ग्लेशियर के कारण जल में सिल्ट आने से वन्य जीवन प्रभावित हुआ। वन्य जीवों की रक्षा के लिए भारी संकट उठाना पड़ता है। केदारनाथ आपदा का जिक्र करते हुए त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि तत्कालीन गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने हवाई सर्वेक्षण कर केदारनाथ के पुर्ननिर्माण का जिम्मा उठाया। हालांकि तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने उनके प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया लेकिन बाबा केदार के आशीर्वाद से नरेंद्र मोदी जी को देश प्रधानमंत्री बनने का सौभाग्य मिला और उन्होंने केदारनाथ जी का पुर्ननिर्माण किया। आज बहुत बेहतर सुविधाएं दी है। बदरीनाथ जी में भी मास्टर प्लान के तहत कार्य कराए गए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संवेदनशीलता को उत्तराखंड के लोग कभी नही भूलते है। उनकी इस तत्परता के लिए समूचे उत्तराखंड के लोग उनके साथ खड़े हुए नजर आ रहे है।