हरिद्वार का फूड सेफ्टी विभाग गहरी कुंभकरणी नींद में है। इस विभाग को जनता के स्वास्थ्य को लेकर कोई सरोकार नहीं है। होली और दीपावली पर्व पर्व पर कुछ चुनिंदा मिठाई की दुकानों पर सेंपल भरता हुआ जरूर नजर आता है। इस सेंपल की रिपोर्ट को भी सार्वजनिक नहीं किया जाता। इसके अलावा हरिद्वार में सड़कों पर बिक रहे जहरीले सामान की कोई चेकिंग नहीं होती। नकली खाद्य सामग्री खुलेआम बिक रही है। इसके अलावा शनिवार को दान में लिया जाने वाला सरसों का तेल भी दुकानों पर ही बिक रहा है।
जनता के स्वास्थ्य से जुड़े गंभीर मुददे की ओर हरिद्वार के एक पत्रकार ने जिलाधिकारी हरिद्वार कमेंद्र सिंह का ध्यान आकर्षित कराया। पत्रकार ने पूछा कि शनिवार के दान का तेल दुकानों पर कब तक बिकता रहेगा। हरिद्वार का फूड सेफ्टी विभाग होली और दीपावली के त्यौहारों पर ही कार्यवाही करता नजर आता है। जबकि हरिद्वार में नकली खाद्य सामान की ब्रिकी लगातार बढ़ती जा रही है। जिलाधिकारी कमेंद्र सिंह ने इस सुझाव को गंभीरता से लेते हुए जल्द ही कार्यवाही करने का भरोसा दिया।
हरिद्वार जिलाधिकारी कमेंद्र सिंह सरल स्वभाव के कर्तव्यनिष्ठ अफसर है। जनता की सेवा और सुरक्षा को लेकर बेहद संजीदा रहते है। पीड़ितों की समस्याओं को त्वरित सुलझाना उनकी कार्यशैली में शुमार है। जिलाधिकारी कमेंद्र सिंह हरिद्वार प्रेस क्लब में पत्रकारों से मिलने और उनके सुझावों पर हरिद्वार की व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने की कवायद में पहुंचे। जब उनको शनिवार के दान के तेल दुकानों में खरीदकर ग्राहकों को बेचने का पता चला तो उन्होंने खाद्य विभाग के द्वारा कार्यवाही कराने व नकली सामान की ब्रिकी का प्रतिबंधित कराने का आश्वासन दिया।
बताते चले कि FSSAI का गठन खाद्य पदार्थों की जांच करने व मानव उपभोग के लिए सुरक्षित और पौष्टिक भोजन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए किया गया है। खाद्य सामग्री बेचने वाले दुकानदारों के लाईसेंस व खाद्य सामग्री की गुणवत्ता को सुनिश्चित कराने की जिम्मेदारी इस विभाग की होती है। अगर हरिद्वार की बात करें तो रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड से लेकर हरिद्वार के तमाम नुक्कड़ों पर नकली खाद्य सामग्री की ब्रिकी हो रही है। अधिकतम दुकानों पर तो खाद्य सामग्री बेचने का लाइसेंस तक नही है। खाद्य की गुणवत्ता पर मक्खियां भिनभिना रही है। ऐसे में जनता के स्वास्थ्य के साथ सीधा सीधा खिलवाड़ हो रहा है।
ऐसा नहीं कि हरिद्वार में कभी कार्यवाही ही नहीं हुई। हरिद्वार के तत्कालीन डीएम मीनाक्षी सुंदरम के निर्देशों पर एक बड़ी कार्यवाही हुई थी और नकली देशी घी के कारोबार का भंडाफोड़ हुआ था। हरिद्वार प्रशासन की यह कार्यवाही ऐतिहासिक रही थी। चंद घंटों में ही हरिद्वार, ऋषिकेश, देहरादून तक की दुकानों के शटर बंद हो गए थे। नकली सामान बेचने वाला दुकानदार जेल गया था।