हरिद्वार। कुंभ मेले के दूसरे स्नान पर्व मौनी अमावस्या पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने हरकी पैड़ी ब्रह्म कुड समेत गंगा के विभिन्न घाटों पर आस्था की डुबकी लगाकर पुण्य अर्जित किया। स्नान के िलए गंगा के घाटों पर श्रद्धालु सुबह से ही बड़ी संख्या में पहुंचना शुरू हो गए थे। हालांकि कोरोना गाइडलाइंस के चलते इस बार श्रद्धालुओं की संख्या कम रही। वहीं प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किये थे। मेला क्षेत्र को 9 जोन और 25 सेक्टरों में बांटा गया था।
मौनी अमावस्या स्नान पर आज देश के कई प्रांतों से आए श्रद्धालुओं ने गंगा में आस्था की डुबकी लगायी। इस बार कोरोना और सरकारी प्रतिबंधों के चलते श्रद्धालुओं की संख्या काफी कम रही। मेला और िजला प्रशासन के बार-बार अपनी गाइड लाईन बदलने के कारण भी लोगों में भ्रम की स्थिति बनी रही। पहले प्रशासन द्वारा यहां स्नान के लिए आने पर केन्द्र की एसओपी का पालन करने के साथ कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट लाने की बाध्यता की गयी। बाद मे मौनी अमावस्या व बसंत पंचमी स्नान के लिए यह बाध्यता समाप्त करने का फरमान जारी किया। जिस कारण यहां आने वाले श्रद्धालुओं में असमंजस की स्थिति रही। बावजूद इसके श्रद्धालुओं ने गंगा में आस्था की डुबकी लगायी। स्नान के पश्चात श्रद्धालुओं ने देव दर्शन कर दान-पुण्य आदि कर्म किए।
वहीं मेला प्रशासन ने मौनी अमावस्या स्नान पर्व को शाही स्नान पर्वों के ट्रायल के रूप में लिया। मेला प्रशासन की ओर से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात किया गया था।