पथ प्रवाह।
एक महीने की बच्ची को न्यू देवभूमि हॉस्पिटल के चिकित्सकों की टीम ने नया जीवन दिया है। यह बच्ची मेनिनगोमैलोसिल नाम की गंभीर बीमारी से जूझ रही थी। मां बाप परेशान थे कि बच्ची का इलाज कराकर जीवन बचाएं तो कैसे। ऐसे में न्यू देवभूमि हॉस्पिटल के चिकित्सक भगवान बनकर सामने आए।
ये है पूरा मामला
एक महीने की बच्ची जो मेनिनगोमैलोसिल नामक जन्मजात रोग से पीड़ित थी। इस बीमारी में जन्म के समय से ही रीढ़ की हड्डी में गाँठ बन जाती है। जिस से जिस्म के नीचे के हिस्से में कमजोरी आने लगती है और पेशाब एवं लैट्रिन की नसें काम नहीं करती हैं। बच्ची के मां बाप ने हरिद्वार स्थित न्यू देवभूमि हॉस्पिटल के चेयरमैन डॉक्टर सुशील कुमार शर्मा से संपर्क किया। डॉ सुशील कुमार शर्मा ने बच्ची की बीमारी का गंभीरता के साथ परीक्षण किया और आश्वासन दिया कि बच्ची का आपरेशन कर समस्या से निजात दिलाया जा सकता है। आपरेशन के लिए डॉक्टरों की टीम का चयन किया गया। एनेसथिसिया के लिए डॉ सुशील कुरील और चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉ अनुज कुमार को टीम में रखा गया। डॉ दीपक कुमार स्पाइन स्पेशलिस्ट ने इस आपरेशन की कमान अपने हाथ में ली। जिसके बाद बच्ची का आपरेशन किया गया।
करीब साढ़े चार घंटे तक चले आपरेशन के बाद बच्ची की गांठों को निकाल दिया गया। गांठ निकलने से नसों जो ठीक से काम नहीं कर रही थी, उन्होंने अपना काम शुरू कर दिया। जटिल ऑपरेशन के बाद बच्ची को अब आईसीयू में रखा गया है। डॉ दीपक कुमार ने बताया कि आपरेशन के बाद बच्ची अब पूरी तरह से स्वस्थ है। बच्ची के माता पिता ने न्यू देवभूमि हॉस्पिटल के चिकित्सकों और उनकी टीम का आभार जताया है। उनका कहना है कि उनकी बच्ची को अस्पताल के डॉक्टरों ने नया जीवन दिया है।
क्या है मेनिनगोमैलोसिल (Meningomyelocele) बीमारी:
मेनिनगोमैलोसिल एक प्रकार की स्पाइना बिफिडा (Spina bifida) है, जो सामान्यतः सबसे गंभीर जटिलताओं का कारण बनती है। इसमें मस्तिष्क की झिल्ली (meninges) और नसों को प्रभावित किया जाता है। व्यक्तियों में मेनिनगोमैलोसिल के कारण असंयुक्त किस्म की कमर की हड्डी का एक हिस्सा अविकसित रहता है, जिससे स्पाइनल कॉर्ड एक खुली जगह से बाहर निकल सकता है। यह एक जीवन के लिए खतरनाक विकृति है और इसके संबंध में गंभीर बीमारियों और मृत्यु का खतरा होता है।
ये है न्यू देवभूमि हॉस्पिटल की खासियत
हरिद्वार के न्यू देवभूमि हॉस्पिटल के चेयरमैन डॉ सुशील कुमार शर्मा ने बताया कि उनके हॉस्पिटल में प्राथमिकता मरीज का गंभीरता के साथ इलाज करना है। इसके लिए हॉस्पिटल में अत्याधुनिक मशीनें उपलब्ध है। चिकित्सकों की कुशल टीम और ट्रेंड मेडिकल स्टाफ मरीज का इलाज करती हैं। मरीज को अस्पताल में घर जैसा माहौल दिया जाता है ताकि मरीज को मानसिक रूप से भी मजबूत किया जा सके। इसी वजह से हमने मरीजों का विश्वास जीतने में सफलता हासिल की है। यही वजह है आज जनपद हरिद्वार से ही नहीं आसपास के अन्य जनपदों और यूपी से भी यहां मरीज अपना इलाज कराने आ रहे हैं।