इस दौरान डा. दिनेश गिरि महाराज ने लोगों की समस्याओं को बिना पूछे बताया और उनके निराकरण के उपाय बताए।
इस दौरान डा. दिनेश गिरि महाराज ने बताया कि जो भी लोग उनके दरबार में आते हैं, श्री बालाजी महाराज की कृपा से वह उनके कष्टों का निवारण करते हैं। इस कार्य में उनका कोई चमत्कार नहीं है। बस श्री बालाजी महाराज की कृपा से उनके दरबार में जो भी आता है उनके कष्टों का निवारण हो जाता है।
दरबार में मौजूद बड़ी संख्या में उन्होंने बिना पहचान के लोगों को नाम लेकर बुलाया और कागज पर लिखकर उनकी इच्छाओं को बताया तथा उसके निराकरण के भी उपाय भी बताए। नाम पुकारे जाने और पर्ची खुलते ही लोग अचभित रह गए। डा. दिनेश गिरि महाराज का चमत्कार देखकर लोग आश्चर्यचकित रह गए। दरबार में अधिकांश लोग राजस्थान, हरियाणा, पंजाब आदि प्रदेशों के थे। बिना पूछे भूत, भविष्य व वर्तमान बताने पर लोग चकित रह गए।
डा. दिनेश गिरि महाराज ने कहाकि सनातन में बड़ी शक्ति है। सनातन विद्या को आत्मसात करने से ही संकटों से छुटकारा पाया जा सकता है। हमारे वेदों की ऋचाएं और शास्त्रों, पुराणों के मंत्र अकाट्य हैं। इनको आत्मसात कर हम बड़ी से बड़ी समस्या का निराकरण कर सकते हैं।
डा. दिनेश गिरि महाराज ने कहाकि आज सनातन पर चारों ओर से प्रहार हो रहे हैं। धर्मान्तरण का गंदा खेल खेला जा रहा है। इसको बचाने के लिए हमें सभी सनातनियों के उत्थान के लिए कार्य करना होगा। उनका स्तर उठाने के लिए सभी को आगे आना होगा और गांवों में सनातन की अलख जगानी होगा।
इससे पूर्व निरंजनी अखाड़े के महामण्डलेश्वर आचार्य स्वामी नर्मदाशंकर पुरी महाराज ने भागवत कथा को श्रवण कराते हुए सुदामा चरित्र, रूकमणि विवाह आदि का सुंदर वर्णन कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। श्रीमद् भागवत कथा यज्ञ की पूर्णाहुति यज्ञ, हवन व विशाल भण्डारे के साथ हुई। इस दौरान बड़ी संख्या में कई प्रदेशों से आए श्रद्धालुओं ने कथा ज्ञान में शामिल होकर पुण्य अर्जित किया।